CTET Child Pedagogy Most Important One liner Question Answer | CTET Exam 2026

Hard Level Child Pedagogy Questions

  1. सूचना प्रसंस्करण सिद्धान्त के अनुसार स्मृति को कितने स्तरों में बाँटा गया है – तीन
  2. संवेदी स्मृति का समयावधि कितना होता है – अत्यल्प
  3. कार्यशील स्मृति की अवधारणा किसने दी – बैडले और हिच
  4. दीर्घकालीन स्मृति का भंडारण किस रूप में होता है – अर्थपूर्ण
  5. विस्मरण का ट्रेस सिद्धान्त किसने दिया – डेके
  6. हस्तांतरण का सिद्धान्त किससे संबंधित है – अधिगम
  7. नकारात्मक हस्तांतरण का अर्थ है – पूर्व अधिगम द्वारा नए अधिगम में बाधा
  8. समान तत्वों का सिद्धान्त किसने दिया – थॉर्नडाइक
  9. सामान्यीकरण का नियम किस सिद्धान्त से जुड़ा है – अनुबंधन
  10. अभ्यास का नियम किस अधिगम सिद्धान्त का भाग है – प्रयास एवं त्रुटि
  11. प्रेरणा का आवश्यकता सिद्धान्त किसने दिया – मैसलो
  12. मैसलो के अनुसार सर्वोच्च आवश्यकता है – आत्मसिद्धि
  13. प्रेरणा का द्वि-कारक सिद्धान्त किसने दिया – हर्ज़बर्ग
  14. आंतरिक प्रेरणा का स्रोत होता है – स्वयं
  15. बाह्य प्रेरणा का उदाहरण है – पुरस्कार
  16. व्यक्तित्व शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से हुई – लैटिन
  17. व्यक्तित्व का सर्वाधिक वैज्ञानिक अध्ययन किस सम्प्रदाय ने किया – व्यवहारवाद
  18. व्यक्तित्व का प्रकार सिद्धान्त किसने दिया – शेल्डन
  19. विसोरोटोनिक व्यक्तित्व का संबंध है – शांत स्वभाव से
  20. सोमेटोटोनिक व्यक्तित्व की विशेषता है – सक्रियता
  21. प्रक्षेपी तकनीकों का आधार क्या है – अचेतन मन
  22. रोर्शा परीक्षण में कितने कार्ड होते हैं – 10
  23. TAT का पूर्ण नाम है – थिमैटिक एपर्सेप्शन टेस्ट
  24. TAT परीक्षण का विकास किसने किया – मरे
  25. CAT परीक्षण किसके लिए प्रयुक्त होता है – बच्चों के लिए
  26. समाजमिति विधि का प्रतिपादन किया – मोरेनो
  27. समाजमिति परीक्षण का उपयोग किया जाता है – समूह संरचना जानने में
  28. प्रश्नावली विधि किस प्रकार की तकनीक है – व्यक्तिनिष्ठ
  29. साक्षात्कार विधि में त्रुटि का प्रमुख कारण है – साक्षात्कारकर्ता का पक्षपात
  30. निरीक्षण विधि का उपयोग अधिकतर किया जाता है – व्यवहार अध्ययन में
  31. बुद्धि शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया – सिसरो
  32. बुद्धि का एककारक सिद्धान्त किसने दिया – बिने
  33. द्विकारक सिद्धान्त का प्रतिपादन किया – स्पीयरमैन
  34. बहुकारक सिद्धान्त के प्रवर्तक हैं – थर्स्टन
  35. गिलफोर्ड का सिद्धान्त किस प्रकार का है – संरचनात्मक
  36. गिलफोर्ड के मॉडल में आयामों की संख्या है – तीन
  37. गिलफोर्ड के अनुसार उत्पादों की संख्या है – छह
  38. बुद्धि संरचना सिद्धान्त में कुल कारक हैं – 180
  39. अभिसारी चिन्तन का उपयोग होता है – सही उत्तर खोजने में
  40. अपसारी चिन्तन का संबंध है – सृजनात्मकता से
  41. गार्डनर का सिद्धान्त किस अवधारणा पर आधारित है – बहुबुद्धि
  42. गार्डनर ने प्रारम्भ में कितनी बुद्धियाँ बताई – सात
  43. प्राकृतिक बुद्धि का संबंध है – जीव-जंतुओं की पहचान से
  44. अंतरवैयक्तिक बुद्धि का संबंध है – दूसरों को समझने से
  45. अंतर्वैयक्तिक बुद्धि का संबंध है – स्वयं की समझ से
  46. बुद्धि लब्धि (IQ) का सूत्र किसने दिया – टरमन
  47. मानसिक आयु की अवधारणा किससे संबंधित है – बिने
  48. वास्तविक आयु को अंग्रेज़ी में कहते हैं – क्रोनोलॉजिकल एज
  49. 70 से कम IQ वाला बालक कहलाता है – मंदबुद्धि
  50. 140 से अधिक IQ वाला बालक कहलाता है – अति-प्रतिभाशाली
  51. पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास की अवस्थाएँ हैं – चार
  52. संवेदी-गामक अवस्था की आयु है – 0 से 2 वर्ष
  53. पूर्व संक्रियात्मक अवस्था की विशेषता है – आत्मकेन्द्रित चिन्तन
  54. मूर्त संक्रियात्मक अवस्था में बालक सीखता है – ठोस वस्तुओं द्वारा
  55. औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था की विशेषता है – अमूर्त चिन्तन
  56. वस्तु स्थायित्व की अवधारणा दी – पियाजे
  57. संरक्षण की अवधारणा का विकास होता है – मूर्त संक्रिया अवस्था में
  58. स्कीमा शब्द का प्रयोग किया – पियाजे
  59. अनुकूलन की दो प्रक्रियाएँ हैं – आत्मसात व समायोजन
  60. संतुलन की प्रक्रिया का उद्देश्य है – मानसिक साम्य
  61. वायगोत्स्की का सिद्धान्त किस पर आधारित है – सामाजिक अंतःक्रिया
  62. ZPD का पूर्ण रूप है – Zone of Proximal Development
  63. स्कैफोल्डिंग की भूमिका निभाता है – शिक्षक
  64. सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धान्त के प्रवर्तक हैं – वायगोत्स्की
  65. भाषा को सोच का उपकरण किसने माना – वायगोत्स्की
  66. एरिक्सन के अनुसार विश्वास बनाम अविश्वास का संघर्ष किस अवस्था में होता है – शैशवावस्था
  67. स्वायत्तता बनाम लज्जा व संदेह का संघर्ष किस अवस्था में होता है – प्रारंभिक बाल्यावस्था
  68. उद्यम बनाम अपराधबोध का संघर्ष किस आयु में होता है – 3 से 6 वर्ष
  69. परिश्रम बनाम हीनता का संघर्ष किस अवस्था की विशेषता है – उत्तर बाल्यावस्था
  70. पहचान बनाम भूमिका भ्रम का संघर्ष किस अवस्था में होता है – किशोरावस्था
  71. कोहलबर्ग के अनुसार नैतिक विकास का प्रथम स्तर है – पूर्व नैतिक स्तर
  72. दंड व आज्ञापालन अभिविन्यास किस स्तर से संबंधित है – पूर्व नैतिक स्तर
  73. सामाजिक स्वीकृति अभिविन्यास किस स्तर में आता है – पारंपरिक स्तर
  74. सामाजिक अनुबंध अभिविन्यास किस स्तर की विशेषता है – उत्तर पारंपरिक स्तर
  75. नैतिक विकास में तर्क पर बल देने वाले मनोवैज्ञानिक हैं – कोहलबर्ग
  76. बैंडुरा के अनुसार अधिगम का प्रमुख साधन है – प्रत्यक्षीकरण
  77. प्रत्यक्षीकरण अधिगम में कौन सा तत्व आवश्यक नहीं है – प्रत्यक्ष पुरस्कार
  78. स्व-प्रभाविता (Self-efficacy) की अवधारणा दी – बैंडुरा
  79. सामाजिक अधिगम सिद्धान्त में कौनसा चरण नहीं है – परीक्षण
  80. ध्यान, स्मरण, पुनरुत्पादन व प्रेरणा चरण हैं – प्रेक्षण अधिगम के
  81. ब्रूनर के अनुसार ज्ञान का सर्वोत्तम संगठन होता है – सर्पिल रूप में
  82. ब्रूनर का अधिगम सिद्धान्त किस पर आधारित है – अन्वेषण अधिगम
  83. एनेक्टिव अवस्था का संबंध है – क्रिया से
  84. आइकोनिक अवस्था का संबंध है – चित्रों से
  85. सिम्बोलिक अवस्था का संबंध है – भाषा व प्रतीकों से
  86. पैवलॉव का अधिगम सिद्धान्त कहलाता है – शास्त्रीय अनुबंधन
  87. शास्त्रीय अनुबंधन में प्राकृतिक उद्दीपक होता है – भोजन
  88. शास्त्रीय अनुबंधन में तटस्थ उद्दीपक का उदाहरण है – घंटी
  89. अनुबंधित अनुक्रिया का उदाहरण है – लार स्राव
  90. पैवलॉव का प्रयोग किस पर किया गया – कुत्ते पर
  91. स्किनर के अनुसार दंड का प्रभाव होता है – अस्थायी
  92. नकारात्मक पुनर्बलन का अर्थ है – अप्रिय उद्दीपक को हटाना
  93. सकारात्मक पुनर्बलन का उदाहरण है – प्रशंसा
  94. स्किनर बॉक्स प्रयोग संबंधित है – चूहे से
  95. प्रचालन अनुबंधन में व्यवहार नियंत्रित होता है – परिणामों से
  96. थॉर्नडाइक का सिद्धान्त आधारित है – प्रयास व त्रुटि पर
  97. समान प्रतिक्रियाओं की आवृत्ति बढ़ती है – संतोष से
  98. तत्परता का नियम किससे संबंधित है – सीखने की तैयारी से
  99. अधिगम वक्र किससे संबंधित है – अभ्यास से
  100. अधिगम पठार दर्शाता है – अस्थायी स्थिरता
  101. Ultra Hard Psychology Questions

  102. सूचना प्रसंस्करण सिद्धान्त में ध्यान को किस रूप में माना गया है – सीमित संसाधन
  103. कार्यशील स्मृति की क्षमता को सीमित बताया – मिलर ने
  104. 7±2 का सिद्धान्त संबंधित है – स्मृति विस्तार से
  105. स्मृति में चंकिंग की अवधारणा दी – मिलर ने
  106. गहराई प्रसंस्करण सिद्धान्त दिया – क्रैक व लॉकहार्ट ने
  107. अर्थपूर्ण अधिगम सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं – ऑसुबेल
  108. पूर्व आयोजक का उपयोग किसके लिए किया जाता है – नवीन ज्ञान जोड़ने हेतु
  109. रटने वाला अधिगम किसके अभाव में होता है – संज्ञानात्मक संरचना
  110. डिस्कवरी लर्निंग का समर्थन किया – ब्रूनर ने
  111. सर्पिल पाठ्यक्रम की अवधारणा दी – ब्रूनर ने
  112. मेटाकॉग्निशन शब्द का प्रयोग किया – फ्लैवेल ने
  113. मेटाकॉग्निशन का तात्पर्य है – सोच के बारे में सोचना
  114. स्व-नियंत्रित अधिगम का आधार है – मेटाकॉग्निशन
  115. अधिगम में योजना, निगरानी और मूल्यांकन किससे संबंधित हैं – मेटाकॉग्निटिव कौशल
  116. उच्च स्तरीय चिंतन कौशल का आधार है – मेटाकॉग्निशन
  117. रचनावादी अधिगम में ज्ञान का निर्माण होता है – सक्रिय सहभागिता से
  118. सामाजिक रचनावाद के प्रवर्तक हैं – वायगोत्स्की
  119. सह-निर्माण की प्रक्रिया होती है – सामाजिक अंतःक्रिया द्वारा
  120. स्कैफोल्डिंग का तात्पर्य है – अस्थायी सहायता
  121. स्कैफोल्डिंग धीरे-धीरे हटाई जाती है – दक्षता बढ़ने पर
  122. निजी वाणी का सामाजिक वाणी में रूपांतरण होता है – विकास के साथ
  123. भाषा और चिंतन का संबंध माना – वायगोत्स्की ने
  124. पियाजे के अनुसार भाषा चिंतन पर निर्भर होती है – संज्ञानात्मक विकास
  125. पियाजे और वायगोत्स्की में मुख्य मतभेद है – भाषा की भूमिका
  126. संज्ञानात्मक संघर्ष अधिगम को बढ़ाता है – रचनावादी दृष्टिकोण में
  127. Frequently Asked Questions

  128. संज्ञानात्मक असंतुलन की स्थिति उत्पन्न होती है – नई सूचना से
  129. संतुलन पुनः स्थापित होता है – आत्मसात व समायोजन से
  130. नैतिक स्वायत्तता का विकास होता है – किशोरावस्था में
  131. पियाजे के अनुसार नैतिक विकास का प्रारंभिक रूप है – नैतिक यथार्थवाद
  132. नैतिक सापेक्षवाद किस अवस्था में पाया जाता है – उत्तर बाल्यावस्था
  133. कोहलबर्ग के सिद्धान्त का आधार है – नैतिक तर्क
  134. कोहलबर्ग का सिद्धान्त प्रभावित है – पियाजे से
  135. नैतिक विकास में न्याय पर बल दिया – कोहलबर्ग ने
  136. देखभाल नैतिकता की अवधारणा दी – कैरल गिलिगन ने
  137. गिलिगन ने कोहलबर्ग की आलोचना की – लैंगिक पक्षपात के कारण
  138. एरिक्सन का सिद्धान्त फ्रायड से भिन्न है – सामाजिक बल पर जोर के कारण
  139. मनोसामाजिक संकटों का समाधान आवश्यक है – स्वस्थ व्यक्तित्व हेतु
  140. किसी संकट का असफल समाधान उत्पन्न करता है – भूमिका भ्रम
  141. पहचान संकट प्रमुख है – किशोरावस्था में
  142. एरिक्सन ने विकास को माना – जीवनपर्यंत प्रक्रिया
  143. बैंडुरा के अनुसार अधिगम हो सकता है – बिना प्रत्यक्ष पुनर्बलन
  144. प्रत्यक्षीकरण अधिगम में प्रमुख भूमिका होती है – मॉडल की
  145. स्व-प्रभाविता प्रभावित करती है – लक्ष्य निर्धारण
  146. निम्न स्व-प्रभाविता का परिणाम होता है – परिहार व्यवहार
  147. उच्च स्व-प्रभाविता से बढ़ती है – उपलब्धि
  148. फ्रायड के अनुसार व्यक्तित्व विकास आधारित है – मनोलैंगिक अवस्थाओं पर
  149. ओरल अवस्था की विशेषता है – मुख संतुष्टि
  150. एनल अवस्था में संघर्ष संबंधित है – नियंत्रण से
  151. फालिक अवस्था में ओडीपस ग्रंथि पाई जाती है – बालकों में
  152. लेटेंसी अवस्था में कामुक ऊर्जा होती है – दबी हुई
  153. रक्षा युक्तियाँ कार्य करती हैं – अचेतन स्तर पर
  154. प्रक्षेपण का अर्थ है – अपनी भावना दूसरों पर थोपना
  155. तादात्मीकरण का संबंध है – आदर्श व्यक्ति से
  156. प्रतिगमन का अर्थ है – पूर्व अवस्था में लौटना
  157. दमन सबसे मूल रक्षा युक्ति है – फ्रायड के अनुसार
  158. मानसिक स्वास्थ्य का मानवतावादी दृष्टिकोण दिया – रोजर्स ने
  159. स्व-अवधारणा और आदर्श स्व में अंतर उत्पन्न करता है – असामंजस्य
  160. संपूर्ण कार्यशील व्यक्ति की अवधारणा दी – रोजर्स ने
  161. बिना शर्त सकारात्मक स्वीकृति का महत्व बताया – रोजर्स ने
  162. मानवतावादी शिक्षा का लक्ष्य है – आत्म-विकास
  163. अधिगम अक्षमता का तंत्रिकीय आधार माना – आधुनिक मनोविज्ञान
  164. Dyscalculia संबंधित है – गणितीय कठिनाई से
  165. Dysgraphia संबंधित है – लेखन कठिनाई से
  166. विशिष्ट अधिगम अक्षमता में बुद्धि होती है – सामान्य या अधिक
  167. समावेशी कक्षा में सर्वाधिक उपयुक्त रणनीति है – विभेदित शिक्षण
  168. सूचना प्रसंस्करण सिद्धान्त में ध्यान का कार्य है – प्रासंगिक सूचना का चयन
  169. स्मृति में पुनरावृत्ति का मुख्य कार्य है – दीर्घकालीन भंडारण
  170. अर्थ विस्तार (Elaboration) अधिगम को बनाता है – स्थायी
  171. संगठन रणनीति का उद्देश्य है – सूचना को अर्थपूर्ण बनाना
  172. मेटाकॉग्निटिव निगरानी का अर्थ है – स्वयं की सोच पर नियंत्रण
  173. ऑसुबेल के अनुसार सर्वाधिक प्रभावी अधिगम होता है – अर्थपूर्ण अधिगम द्वारा
  174. पूर्व आयोजक का प्रयोग किया जाता है – नए ज्ञान की रूपरेखा देने हेतु
  175. डिस्कवरी लर्निंग में शिक्षक की भूमिका होती है – मार्गदर्शक
  176. ब्रूनर के अनुसार अधिगम का सर्वश्रेष्ठ क्रम है – सर्पिल क्रम
  177. रचनावाद में त्रुटि को माना जाता है – अधिगम का स्रोत
  178. Top 30 Most Important Questions

  179. सामाजिक रचनावाद में अधिगम का आधार है – सामाजिक सहभागिता
  180. सहपाठी सहयोग अधिगम को बढ़ाता है – ZPD के भीतर
  181. स्कैफोल्डिंग का सर्वाधिक प्रभाव होता है – अस्थायी समर्थन में
  182. निजी वाणी का अंततः रूपांतरण होता है – आंतरिक वाणी में
  183. वायगोत्स्की के अनुसार चिंतन की उत्पत्ति होती है – सामाजिक स्तर पर
  184. नैतिक स्वायत्तता का संबंध है – आंतरिक नैतिक नियंत्रण से
  185. कोहलबर्ग के सिद्धान्त में नैतिक विकास का आधार है – तर्क
  186. गिलिगन ने नैतिक विकास को जोड़ा – देखभाल नैतिकता से
  187. एरिक्सन के अनुसार प्रत्येक संकट का समाधान देता है – सद्गुण
  188. परिश्रम बनाम हीनता संकट का सफल समाधान देता है – दक्षता
  189. बैंडुरा के अनुसार व्यवहार को प्रभावित करता है – आत्म-प्रभाविता
  190. स्व-प्रभाविता का विकास होता है – सफल अनुभवों से
  191. प्रत्यक्षीकरण अधिगम में प्रमुख कारक है – अवलोकन
  192. प्रत्यक्ष पुनर्बलन के बिना भी अधिगम संभव है – सामाजिक अधिगम में
  193. मॉडल की समानता बढ़ाती है – अनुकरण की संभावना
  194. फ्रायड के अनुसार चिंता उत्पन्न होती है – अहं पर दबाव से
  195. अहं रक्षा युक्तियों का प्रयोग करता है – चिंता कम करने हेतु
  196. तर्कसंगतीकरण का उद्देश्य होता है – आत्मसम्मान की रक्षा
  197. प्रतिगमन में व्यक्ति लौटता है – पूर्व विकासात्मक अवस्था में
  198. मानवतावादी दृष्टिकोण में शिक्षा का लक्ष्य है – आत्मसाक्षात्कार
  199. IQ = MA/CA × 100 सूत्र का प्रतिपादन किया – टरमन ने
  200. निकटवर्ती विकास क्षेत्र (ZPD) की अवधारणा दी – वायगोत्स्की
  201. संरक्षण (Conservation) की अवधारणा विकसित होती है – मूर्त संक्रियात्मक अवस्था में
  202. शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धान्त का प्रतिपादन किया – पैवलॉव ने
  203. प्रचालन अनुबंधन सिद्धान्त के प्रवर्तक हैं – स्किनर
  204. सामाजिक अधिगम सिद्धान्त का प्रतिपादन किया – बैंडुरा
  205. नैतिक विकास का चरण सिद्धान्त दिया – कोहलबर्ग ने
  206. मनोसामाजिक विकास सिद्धान्त के प्रवर्तक हैं – एरिक एरिक्सन
  207. बहुबुद्धि सिद्धान्त का प्रतिपादन किया – हॉवर्ड गार्डनर
  208. अर्थपूर्ण अधिगम सिद्धान्त का प्रतिपादन किया – ऑसुबेल ने

Note: यह प्रश्न–उत्तर CTET एवं सभी शिक्षक पात्रता परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।

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